शनिवार, 15 नवंबर 2014

कैसे भूलूं


10 November 2014
07:46
-इंदु बाला सिंह

मूरख नहीं
तू
प्यारी है
मेरी जन्मदाता न्यारी है
तेरे कारण ही सीखा है मैंने
छीनना मान
पाना ज्ञान
तेरी नकारात्मक सोंच ने
तेरे पुत्र स्नेह ने
जन्मायी है मुझमें चेतना
कैसे भूलूं
तुझे मैं ओ री माँ !
और
ओ समय !
तुझे भी
जिसने फौलाद किये
मेरे पांव |

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