शनिवार, 22 नवंबर 2014

अकेले सींचना आसान नहीं


12 November 2014
16:19
-इंदु बाला सिंह

कितना कठिन होता
अकेले ही सींचना
हर रिश्ते को
और
जीना अकेले ही
क्योंकि
समाज विद्यालय नहीं
जहां
रट के पास हो जांय
हम
नैतिकता का पाठ
हर पल
भारी होता  यहां
राजनीति पलती है घरों में
लोग कहते ....वादे होते हैं तोड़ने के लिये
पर
मैं कहूं .......सम्मान मिलता है हमें अपमानित करने के लिये |


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