शनिवार, 15 नवंबर 2014

बेटी सदा दुर्भाग्यशाली


14 November 2014
12:15
-इंदु बाला सिंह

चलूं ले लूं
मैं भी गोद किसी लड़के को
कि
जमाना है पुरुषों का
वह खुश रहेगा
तो मैं भी
खुश रहूंगी
बहुत युद्ध हुआ अब .........
और
वह चली गोद लेने
एक
समय से बिछड़े पुरुष शिशु को ........
पर
यह उसका दुर्भाग्य था
या
सौभाग्य
पता नहीं
सड़क के किनारे  मिली उसे बिलखती
एक रोती कन्या
विह्वल हो उसने उसे उठा लिया
शायद
कुछ लोग दुर्भाग्य ले कर पैदा होते हैं
तभी तो
राह में
अवरोधक आ जाते हैं
देख
उसकी स्थिति
डूब गया मेरा दिल
काश
मैं भी कुटिल हंसी हंस पाती उसके दुर्भाग्य पर
और
इठला पाती मैं
अपने सौभाग्य पर |

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