शनिवार, 15 नवंबर 2014

आशा की मशाल


14 November 2014
08:11
-इंदु बाला सिंह

बढ़े चलें
कर्तव्य पथ पे
नित
आगे ही आगे हम
मन में ले
आशा की मशाल
रंग बिरंगे पुष्प हैं हम
धरा के
हम हंसें
तो
हंस दे मौसम
शर्मा जाये करप्शन
हम हैं
तो देश है |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें