बुधवार, 26 नवंबर 2014

जेबें भरी हैं


26 November 2014
18:41
-इंदु बाला सिंह

अनगिनत जेबें
मेरी पैंट में
क़ानून
धन
स्वदेशी
मेरी जेब में
घूमूं मैं अलमस्त
मेरी गली
मेरी है पहचान
आ दिखलाऊं तुझे
मैं
रंगीनी बेशुमार |

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