08
November 2014
12:44
-इंदु बाला
सिंह
उस दिन
गर्व में डूब गया था
चिड़ीमार
भूल चूका था उपस्थिति
जमीन पर
रेंगती हुयी
एक छोटी सी
बारीक चींटी की ......
कहानी सुनते
सुनते
खुल गयीं
नींद से बोझल आंखें
नन्हीं नातिन की
और
उसने ललक कर पूछा ........
फिर क्या हुआ ?
और
पलट के देखा
उसने
तो पाया
नानी
अब खर्राटें ले रही थी
और
आगे कहानी बढ़ी
नहीं
क्योंकि
दुसरे दिन
नानी चली गयी
अपने
पोते के पास |
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