13
November 2014
12:02
-इंदु बाला
सिंह
समय बदला
सागर सा पिता
न रहा
जिसने
अपनी पुत्री
के लिये विशाल सुख सुविधायुक्त महल बनवाया
समुद्र
किनारे
हमारे
सामने उदाहरण बना वह पुत्री सम्मान का
पर
ओ
हिमालय !
कितनी सती
पैदा करोगे तुम
अब
अपने घर में
चिंतित हूं
मैं
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