26
November 2014
17:03
-इंदु बाला
सिंह
सिखाया
समय ने ......
सीख मेरे यार
दुनिया है
व्यापार
दुखी मन से
मन ने सीख
लिया
और
रटने लगा तोते
सा
सब सम्हल गये
पर
मन न सम्हला
बस उड़ता रहा
इस डाली से उस
डाली पर
बैठ
रटता रहा
.....
उड़ता रहा
..........
अपने मनचाहे
आकाश में |
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