शनिवार, 15 नवंबर 2014

चिंतक है अमूल्य निधी


10 November 2014
11:55
-इंदु बाला सिंह

आंच में तप कर लौह बना
हर चिंतक
अमूल्य निधी है हमारी
आओ
हम सम्मान करें उनकी
दबायें न हम इन चिंगारियों को
विचार बहते हैं
नदियों सरीखे
पोषण करते हैं कितने घर
और
मिलते हैं
सम्मानपूर्वक हमारे ही जन्मदाता समुद्र से |

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