05
November 2014
09:48
-इंदु बाला
सिंह
अजीब सा
स्वप्न था
देखा
मैंने ........
गरीब की
भूख मिट गयी
है
और
परेशान हूं
मैं
किस
विषय पर चलाऊँ
अपनी लेखनी अब
आँख खुली तो
खुश हुयी
...........
ओह !
यह तो
दिवास्वप्न था |
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