14
November 2014
07:42
-इंदु बाला
सिंह
आग लिये चलते
हैं हम बच्चे
तेरे दिलों
की
तेरा आज
खुशगवार बना
अपना भविष्य
गढ़ते हैं हम बच्चे
माना हम नटखट
हैं
पर
अपने बस्ते
में ले कर चलते हैं
हम
तुम्हारे
अधूरे सपने
आंखें खोलो
मुस्का न जरा
तू
देख तू
अपने खिलते
सपनों को |
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