रविवार, 23 नवंबर 2014

पुरातनपंथी सिरदर्द उपदेश


20 November 2014
19:03
-इंदु बाला सिंह

लड़को के बराबर
हक मांगनेवाली लडकियां
लडकों सा
कर्मठ तो बनें ......
मनचाहे बेढंगे कपड़े पहन
सड़कों पर घूमनेवाली लडकियां
लड़कों सा नित एक सरीखे कपड़े में
चलना तो सीखें .....
विचित्र कपड़ों में शाम को चहकना
बंद करें बेटियां ......
अभी अभी गुजरनेवाले मोटर साईकिल सवार के
मुंह से निकला शब्द ...
रंडी है बे रंडी ...
उतना ही पुलिस से पिटायी का हकदार है
जितना कि तुम .....
आरक्षण और प्रगतिशील के नाम पर
लडकियों तुम
जन्मदाता का नाम रौशन कर रही हो ......
पीठ पर कालेज बैग टांग के क्यों घुमती तुम
उपहार लेना बंद करो 
जरा कमाना भी तो सीखो
लडकियों |


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