रविवार, 23 नवंबर 2014

उड़े रुपईय्या


21 November 2014
08:25
-इंदु बाला सिंह

जय हो तेरी !
नोट तेरी जय !
तेरी महिमा अपरम्पारा
ऑनलाइन कंट्रोल करता तू
सबको
कितना दबंग है तू
हैरत से  देखूं मैं तेरी महिमा
कागज का है तू
पर
कितना उड़ता तू आसमान में
और
तेरी धुन पे
नाचे जग सारा
बौराता सड़क पे
क्या होगा तेरा
ओ रुपईय्या !
बारिश के मौसम में
सोंचता है आज
ये बालमन |



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें