बुधवार, 15 अक्टूबर 2014

साँसों का मोबिल


11 October 2014
07:07
-इंदु बाला सिंह

मन की हवा
काली  होते ही
हमारी
भीतरी उर्जा में कमी होने लगती है
हम
अपना शुद्धिकरण न कर
ग्रहण करते हैं उर्जा
बाहर से
पर 
देखते ही देखते
हम
मशीन बन जाते हैं
और
तब तक चलते रहते हैं
जब तक
सांसों का मोबिल है |

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