25
September 2014
13:59
-इंदु बाला
सिंह
स्मरणीय
रहेगी
किंडरगार्टन स्कूल की वह मुख्य अध्यापिका
जिसने बनाया
था नियम
अपने घरेलू
किंडरगार्टन स्कूल में
विद्यार्थियों
को रबर न लाने का
स्कूल की
शिक्षिकायें
कहती थीं
गलती हुयी
.......
काट के फिर से
लिखे
गलती होती है
तो होने दो
डांट नहीं
पड़ती थी शिशुओं को उस स्कूल में
गलती करने पर
.....
आज उस नियम कि
निहितार्थ समझ आते हैं
गलती न छुपाना
चहिये
कभी जीवन में
हमें
निज स्वजन से
पर हम हैं कि
कलम से लिखे
पर भी
इंक रिमूवर
लगा के
उसपर फिर से
सही शब्द लिख देते हैं |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें