बुधवार, 15 अक्टूबर 2014

बंधा अस्तित्व


15 October 2014
00:12
-इंदु बाला सिंह

बंधे थे
तुम खतों में
पर
खतों के 
मिट्टी की मूरत सरीखे
विसर्जित होते ही
अब तो
तुम
हो भी
और
नहीं भी |

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