बुधवार, 15 अक्टूबर 2014

अजनबी छायाएं


05 October 2014
08:25
-इंदु बाला सिंह

बचपन से ही
संस्कार
और
कर्मकांड का ज्ञान बघारते बघारते
श्राद्ध करते करते
कब 
उनका श्राद्ध हो जाता
वे जान न पातीं
ये अजनबी छायाएं  
वृन्दावन
और
काशी कब बना लेती
आधी आबादी को
पता ही नहीं चलता
कोई भी न जान पाता यह खबर
वैसे
किसी को
सुनने
और
पहचानने की फुर्सत नहीं है
हमारे पास |


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