मंगलवार, 14 अक्टूबर 2014

सहानुभूति न चाहूं


24 September 2014
10:30
-इंदु बाला सिंह

खुश हूं
मील का पत्थर हूं
अनुसुईया नहीं
जिसे किसे
राम का इन्तजार हो
जीने के लिये .....
सहानुभूति न चाहूं तेरी |

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