बुधवार, 15 अक्टूबर 2014

मन तो पंछी है


02 October 2014
07:59
-इंदु बाला सिंह

मन तो
उड़ता पंछी जहाज का
जायेगा कहाँ
बारम्बार लौट कर
आयेगा
हमारे ही पास
हम खुश होते हैं
मन के संग
और
फिर लगा देते हैं
खुद को
किसी काम में
और
पल भर में
मन सो जाता है 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें