13
October 2014
11:22
-इंदु बाला
सिंह
हुदहुद आया
पूरे विश्व
को हुदहुद पक्षी की पहचान करा गया
पानी उछला
पांच फुट
ऊंचा
बह गये
हजारों घर
लाखों तटीय
निवासी बेघर हुये
गुलजार हुये
दो हजार आश्रय स्थल
और
अनगिनत
रिश्तों के घर
बस बंद
ट्रेन बंद
उड़न बंद
बिजली बंद
पर
साथ
न छोड़ा मुसीबत में रेडियो
जोड़ा के रखा
तटीय बेघर निवासियों को
सूखे भागों के
आदम जात से
और
लौट भी गया
सागर पुत्र
हुदहुद अपनी शक्ति दिखा
पर जाते जाते
भर गया नदियां
बाढ़ की भेंट
दे कर हमें
अब
हम लड़ रहे हैं
प्रकृति से
अपनी
नकारात्मकता से
जीने के लिये
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