24
September 2014
12:52
-इंदु बाला
सिंह
भेजो न मेरे
घर
तेरे बच्चों
को पढ़ा दूंगी
मैं ट्यूशन
दूर पढ़ने
भेजना
मुश्किल होगा
न तुझे
बच्चे को अपने
मेरे देखते
देखते
पल भर में मान
गयी वह
कहना घर की
मालकिन का
सोंचा होगा
उसने
आखिर
उसके बच्चे
सुरक्षित रहेंगे
बड़े घर में
पढाई के नाम
पे
कितना आसान
होता ठगना
अनपढ़ को
एक एक को
ठगते
उम्र गुजर
जायेगी
उस घर बैठी
औरत की
और
घर भी भर
जायेगा
पैसों से
उसका
माना वह अमीर
है
पर
पैसा प्यारा
लगता सबको
क्या ही चोखी
होती
ट्यूशन की
कमाई
हर्र लगे न
फिटकरी
सुन
मेरे भाई |
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