रविवार, 14 दिसंबर 2014

दिल राख हो जाय


15 December 2014
10:58
-इंदु बाला सिंह

हर पल हवा देती सांस
दिल की आग को
और
तिलमिलाने लगता है अस्तित्व
बस इतना  ही है ख्वाब
अब
या तो दिल राख हो जाय
या
सांस रुक जाय
कि अब और न जिया जाय |

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