31
December 2014
20:57
-इंदु बाला
सिंह
धीरे धीरे आ
रहा है करीब
नये सपनों के
साथ
नई आशा की
सुरभि लिये
कोमलांग
नूतन वर्ष ......
चलो
हम सब बांध दे
डायरी के पन्ने
बीते वर्ष के
.....
नये सिरे से
अब हम लिखेंगे
एक ख़ूबसूरत
रचना आकश में
अपने मन की
कलम से |
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