मंगलवार, 16 दिसंबर 2014

भस्मासुर न बनना


17 December 2014
08:57
-इंदु बाला सिंह

कभी भस्मासुर बनना प्यारे !
कि
पुस्तक से निकल कर आना पड़े
मोहिनी रूप धर
विष्णु को
माना पुस्तकें कल्पना या इतिहास हैं
पर
मांजती हैं वे ही हमारे पीतल तन को
चमकाती हैं वे
हमारे चरित्र को
सो
कभी भूलना  पुस्तक
मेरे प्यारे
भस्मासुर बनना
  राजदुलारे !

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