शुक्रवार, 12 दिसंबर 2014

बिटिया का निष्ठुर वक्त


13 December 2014
12:07
-इंदु बाला सिंह

हर पल रही मिटती
बिटिया
माँ बाप के लिये
और
माँ बाप मिटते रहे
बेटे के लिये
ओ रे वक्त !
तू कितना निष्ठुर |

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