रविवार, 14 दिसंबर 2014

वर्चस्व का युद्ध


14 December 2014
06:37
-इंदु बाला सिंह

नित नये जाल
बुनते हो तुम
और
काटते हैं हम
यह तो वर्चस्व का युद्ध है
चलेगा तब तक
जब तक धड़केगा दिल
ओ रे सुन सहोदर !

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