बुधवार, 31 दिसंबर 2014

नया मेहमान


01 January 2015
06:11
-इंदु बाला सिंह

हुई भोर
और
सदा की तरह खोला
जो मैंने द्वार
खड़ा था
मौन नव वर्ष ........
ओह !
इतना व्यस्त थी
कि
भूल चुकी थी इस पेईंग गेस्ट को
चलो आबाद रहेगा मेरा घर
इस नये अतिथि से
खुश हुई मैं ........
एक वर्ष के लिये
मुझे
एक काम मिल गया ........
स्वागत किया ........
मैंने अपने नये मेहमान का |


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