बुधवार, 31 दिसंबर 2014

वह गरीब कितनों को एक जून खिला गया


31 December 2014
18:46

-इंदु बाला सिंह

इस घर में थूकने भी नहीं आऊंगा ....
अपनी जमीन पर हक छोड़ निकला वह एक दिन
तो
लौटा मकान में
उसका पार्थिव शरीर ..........
बड़े धूम से उठाया था जनाजा उसका अपनों ने
अयोध्या में क्रिया कर्म किया था
रिश्तेदारों ने ....
दो बसें भर कर पहुंचे थे हितैषी
शान से किया  था दसवां और तेरही उस अपने का ..........
जो कष्ट से रहता था
एक छोटे से कमरे में
मुश्किल से अपना पेट भरने का इंतजाम करता था
वह बर्फीले ठंडे दिन में गुजर गया
पर
कितनों को
अपने जाने के बाद
एक जून खाना खिला गया |

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