बुधवार, 10 दिसंबर 2014

होनेवाली माँ


11 December 2014
07:14
-इंदु बाला सिंह

: माह की कोख धरे
निकल गयी दुगनी गति से
बगल से मेरे सुबह सुबह एक अनजान युवती ....
और
मैंने नमस्कार किया मन ही मन
उस होनेवाली माँ को ........
उस बिटिया को .......
आजादी की बूंद टपक रही थी
और
आधी आबादी की गागर भर रही थी |

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