मंगलवार, 9 दिसंबर 2014

कितने पोसोगे तुम


10 December 2014
06:39
-इंदु बाला सिंह

सदा ही
ध्वंसात्मक होती
भय से उपजी प्रीति
कितने सांप मरोगे और कितने पोसोगे तुम
नैतिकता के तार पर जो चलता
चमकता उसी का वक्त |

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