मंगलवार, 30 दिसंबर 2014

समय का खेल


30 December 2014
20:57
-इंदु बाला सिंह


पत्नी की कमाई नहीं चाहिये
रिश्तेदार क्या कहेंगे नौकरी करते देख बहू को
सदा तुम पर निर्भर रहनेवाली पत्नी
क्या करेगी तुम्हारे न रहने पर
यह सोंचे होते
तो
एक दिन तुम चुपचाप
एक स्टेशन पर न उतर गये होते ....
तुम्हारा छोटा सा
छूटा परिवार
अब समय की धार में बहेगा
रिश्तेदारों के सहारे रहेगा
तुम्हारे पेशन , इंश्योरेंस ,आफिस की लिखापढ़ी , खेत , मकान के कागजात
रिश्तेदारों के इशारे का इंतजार करेंगे ......
तुम्हारे परिवार की भटकन देख
बुद्धिमान चौकन्ने हो जायेंगे ......
समय बड़ा बलवान रे भैय्या !
इसके तेवर निराले
जो समझ गया
वो जी लिया |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें