24
November 2014
19:18
-इंदु बाला
सिंह
माना तुम सही
हो
ओ बुद्धि तुम
पर
हम थक चुके
सुन सुन
तुम्हारी
नसीहतें
क्या दिया है
हमें तुमने अब तक
अब तो
हम
जीते मरते
अपने मन के
संग
फिर मिलेंगे
तुमसे
ओ नसीहत
देनेवाले !
अभी
तुम सो जाओ |
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