28
November 2014
19:36
-इंदु बाला
सिंह
घर की
दीवारें
मूक गवाह
होती हैं
आर्तनाद
की ........
जब तक
रहती हैं दीवारें
तब तक भटकती
हैं कहानियां
तभी तो
गिरा दी जाती
हैं दीवारें
और
गुम हो जाती
हैं कहानियां
मिल जाती हैं
वें
हवा में |
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