शुक्रवार, 15 अगस्त 2014

झांकता है बचपन


16 August 2014
08:19
-इंदु बाला सिंह

आज के
हरिशंकर परसाई जी 
तीक्ष्ण करते हैं 
हमारे तीर 
और 
बचपन छिप कर 
दरवाजे की ओट से 
झांकता है बड़े आश्चर्य से .......
आखिर ये बड़े 
इतना क्यों लड़ते हैं |

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