बुधवार, 6 अगस्त 2014

हमारी जड़ें


05 August 2014
22:09
-इंदु बाला सिंह


अनजाने शहर में
एक परिचित चेहरा
हमारी पहचान होता है
और
उस पहचान को बनाये रखने के लिये
हम कड़ी मेहनत करते हैं
पर
जड़ों को सींचना हम भूल जाते हैं
यह भी भूल जाते हैं
कि
जड़ों से ही हम टिके हैं धरा पर
फलते फूलते हैं
झूमते हैं हम हो निश्च्चिंत |

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