13 August
2014
19:47
-इंदु बाला
सिंह
ओ
बाजार !
तुम कितने
आलसी हो
मैं सुबह सुबह
उठ कर स्कूल जाता हूँ
पर
तुम क्यूँ
नहीं
उठते सबेरे |
गर्मी
छुट्टियों के दिन मैंने
देखा है
तुम्हे
जब मैं सुबह
की दौड़ लगाकर
गुजरता हूं
तुम सोये पड़े
रहते हो
मैं
उस समय
तुमसे चाकलेट
खरीदना चाहता हूं सदा |
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