31 July
2014
07:26
-इंदु बाला
सिंह
मेरा स्कूल
बैग
मेरा संसार
छूना न इसे
मेरे यार
किताब - कापी , स्केल - पेन्सिल चुम्बक , रंग
बिरंगे पत्थर , छोटी कार है इसमें
कमरें में
बातें करते ये
मुझसे
देखना
एक दिन मैं
बड़ा बनूंगा
होगी मेरी
अपनी सच की कार
एक अपना घर
और
अपनी पुस्तकों
से भरी लाईब्रेरी
वो होगा मेरा
संसार
पर
छूने न दूंगा
उसे भी
ओ मेरे यार |
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