08 August
2014
06:56
हम मतवाले
दोपाया होते ही
निकल पड़े
सडकों
पे |
घर
- बाहर
हंसते
खिलखिलाते
सड़क गमकाते
हम
सहोदर |
हम उदाहरण
मुहल्ले के
हर घर के
अपना भाग्य
निर्माता |
हममें न किसी
सत्ता का बीज
हम सिपाही
आजादी के
नैतिकता के
बगीचे के
फलदार वृक्ष |
हम भाई - बहन
हैं हर माँ की हसरत
सरकारी जीप
के ड्राइवर हमें जब सैल्यूट दे
तब पड़ोसी
अख़बार हटा कर पल भर हमें देखें
हम हैं ऐसी
सन्तान |
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