14 August
2014
22:51
-इंदु बाला
सिंह
हाय
!
ये
रोटियां
कितना दौड़ाये
ये रोटियां
भूख
लगायें ये रोटियां
स्वप्न
में आये रोटियां
रोटियां
ही रोटियां
गोल गोल हों
या टेढ़ी मेढ़ी रोटियां
तृप्त करे हर
सुघड़ मन को अपनी अपनी पकायी रोटियां |
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