09 August
2014
22:02
-इंदु बाला
सिंह
बांधूं राखी तेरे हाथ में आज
और
दूं मैं परम
शक्ति को धन्यवाद
जिसने मुझे
प्यारा सहोदर भाई दिया |
मेरी हर सांस
से तू ही तो बंधा है
तू ही मेरे बचपन का प्रिय सखा है
याद है मुझे
आज भी वह युद्ध
हमारी माँ
घर से बाहर थी
.......
तूने मेरा पी०
जी० का प्रोस्पेक्टस फाड़ा
और
मैंने तेरी एक
खुबसूरत कलम की निब तोड़ी
फिर हम कैसे
मित्र बने
वह याद नहीं |
आज हम दोनों
उच्च पदस्थ हैं
पर मन तो
बच्चा है
हम जीवंत
इतिहास हैं अपने बचपन के
अपनी माँ के
सपनों के
तू पास रहे
या
दूर रहे
मैं हूं
सदा तेरे
ख्वाब सजानेवाली
तेरी रक्षक
बहना |
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