सोमवार, 25 अगस्त 2014

अंगूठा छाप


25 August 2014
11:03
-इंदु बाला सिंह

ओ हो !
मां जी
भैय्या भी अंगूठा छाप हो गये
हमारी बिरादरी में आ गये
कहा जब हंस कर
कामवाली ने
तो
मैं खून का घूंट पी कर रह गयी
और
मन ही मन कोसी
उपस्थिति लगाने की नई तकनीक को |

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