शुक्रवार, 1 अगस्त 2014

मेरा डंडा


01 August 2014
10:06
-इंदु बाला सिंह

मेरा डंडा
मुझे है प्यारा
पेड़ से मैं इससे तोडूं अमरुद
मेरे बचपन का यह घोड़ा
इसपर बैठ 
मैं हर रोज बनती थी सैनिक
पहुंचती थी हल्दीघाटी के मैदान में
अपने इस प्यारे डंडे से
मैं मारूं
घर में निकले सांप
डंडे से तो भूत भी भागे
इसी लिये तो
सम्हाल के रखूं मैं अपना डंडा |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें