सोमवार, 25 अगस्त 2014

ब्लैक आउट


22 August 2014
09:59
-इंदु बाला सिंह

कितना सन्नाटा सा लगता है
न जाने क्यूं
और
बस हम चलते जाते हैं मौन
चिराग भी जलाने की चाहत न होती
कहीं बाहर में ब्लैक आउट तो नहीं |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें