14 August
2014
11:25
-इंदु बाला
सिंह
आया आज
पन्द्रह अगस्त
फर फर उड़े
तिरंगा
आज
मेरे घर पे |
तिरंगे संग
संग उड़े मेरा जिया
लहराये , कलाबाजियां खाये मन आकाश में
भले ही हम हैं
खड़े धरा पे |
मेरा तिरंगा
मेरा संस्कार
मेरी शान |
मेरा तिरंगा
है मेरा मान
रंग न होने
देंगे कभी धुंधला
इसका हम |
मेरा यह रेशमी
तिरंगा
याद दिलाये
मुझे उन पूर्वजों की
जिनके
अहसानमंद हैं हम |
मेरा तिरंगा
जग में सबसे
न्यारा
फर फर हवा संग
आज मेरे घर पे उड़ता है |
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