सोमवार, 18 अगस्त 2014

रात


16 August 2014
23:49
-इंदु बाला सिंह

रात के दिन बनते ही
उंघती सड़क चौंक जाती है ..........
ओह !
कहीं दूर से आया शंख नाद
लग रहा है
कृष्ण कहीं जन्मे हैं
अरे !
ये लो
सड़क भी पल भर में 
मोगरे के खुशबू से गमक उठी है |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें