01
September 2014
14:57
-इंदु बाला
सिंह
अहा !
मेरा बेटा दो
साल का हुआ
अब मैं उसे
भेजूंगी प्ले-स्कूल
सुन पड़ोसन की
चहक
मैंने अपना
माथा पकड़ा मन ही मन
हाय !
भला कैसे होगा
अब बाल
प्रतिभा का विकास
जब यह खुद से दूर करेगी
अपने दो
वर्षीय को
और
अनुशासित होने
लगेंगी बाल अनुभूतियां |
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