रविवार, 14 सितंबर 2014

विजातीय बहू


09 September 2014
13:55
-इंदु बाला सिंह

पड़ोसी को लड़की न मिलती थी
बेटे के ब्याह के लिये
चतुर बेटा
आखिर कितने दिन क्वांरा रहता 
मुहल्ले की
विजातीय लड़की ब्याह
मन्दिर में
एक दिन
घर ले आया बहू
और 
पड़ोसी मन ही मन रो पड़ा
अपनी कमजोरी पर
लेकिन
दुसरे साल मिला उसे
ईश्वरीय उपहार स्वरूप एक गोरा चिट्टा नाती |

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