17 August
2014
14:46
-इंदु बाला
सिंह
अद्भुत
अनुभूति है
यूं लगता है
सीढ़ी के एक
पावदान पर खड़े हैं हम
बस सीढ़ी ही
चलती जा रही है .......
अगल बगल से
शहर गुजर रहे
हैं
पर
उतरने के लिये
प्लेटफार्म ही
नहीं आया अब तक |
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