रविवार, 14 सितंबर 2014

पन्ना धाय


08 September 2014
14:46
-इंदु बाला सिंह

प्यार से लूटनेवाले बहुत हैं जहां में
अपनों का प्यार हम खरीद लेते औरों से
पन्ना धाय खो देती
अजन्मे अपने को आज भी घरों में |
हक न छीना जिसने
वो रहता
अभावग्रस्त जीवन में
अमीरी !
कितने रूप बदलती है तू |

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