रविवार, 14 सितंबर 2014

प्रकृति


15 September 2014
06:59
-इंदु बाला सिंह

तेरा अंश ले के
जन्मे
और तुझ में ही समा गये
प्रकृति
जगतजननी
हम तेरे अपने ही तो हैं
फिर
यह कोप कैसा !

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